कहते हैं बारिश सुकून देती है...
पर जब यादें साथ भीगती हैं, तो हर बूंद बस एक आँसू बन जाती है।
Shayari:
इस बार भीगी है हर चीज़ बारिश में,
बस एक तेरी यादें थीं जो पहले से ही नम थीं।
छत भीगी, ज़मीन भी भीगी,
पर जो दिल में तू था — वो हिस्सा आज भी सूखा रह गया...
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