आज है रथ यात्रा — वो दिन जब भगवान जगन्नाथ अपने भक्तों के साथ सड़कों पर चलते हैं, प्रेम और आस्था के रथ पर सवार होकर।
🌱 और साथ ही है आषाढ़ी बीज – जो किसानों के लिए नया चक्र है, नई फसल की शुरुआत का संकेत।
यह दिन है एक नए सफ़र, नई शुरुआत और भक्ति की ऊँचाइयों का।
"रथ की ध्वनि में बसी है प्रार्थना,
हर मोड़ पर साथ है मधुर भावना।
जगन्नाथ जब निकले रथ पर सवार,
हर दिल में जागे भक्ति का संसार।"
🌱
"आषाढ़ की बीज बोये उम्मीदों की धार,
मेहनत से खिलेंगे सपनों के हजार।
धरती मुस्काए, आकाश बरसे प्यार,
नवजीवन की शुरूआत करे ये त्योहार।"
यह दोनों पर्व हमें सिखाते हैं कि आस्था और परिश्रम, दोनों मिलकर ही जीवन का रथ आगे बढ़ाते हैं।
No comments:
Post a Comment