बातें जो कभी कही ही नहीं गईं..."
कभी-कभी हम वो बातें दिल में ही दबा लेते हैं,
जो शायद कह देते तो बहुत कुछ बदल जाता...
लेकिन वक्त, हालात और खामोशी —
सब मिलकर अधूरी मोहब्बत की एक नई परत बना देते हैं।
💔 आज की Shayari:
"ख़ामोशियाँ भी अब कहानियाँ सुनाने लगी हैं,
तेरी अधूरी बातों में मेरी तन्हाइयाँ बसने लगी हैं..."
शब्दों से ज़्यादा, अक्सर चुप्पियाँ बोलती हैं।
वो कहे-अनकहे लम्हे, जो किसी को पता नहीं चल पाते —
वही सबसे गहरे ज़ख्म बन जाते हैं।
क्या आपने भी कभी किसी को बिना कहे खो दिया?
📣 अगर आपकी भी कोई अधूरी मोहब्बत है, तो इस Shayari को दिल से शेयर करें...
और नीचे कमेंट में अपनी खामोशी को एक नाम दें।
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