☔बरसात की उन यादों में, आज भी भीगता हूं मैं.

 बारिश… सिर्फ पानी की बूंदें नहीं होतीं।

ये वो एहसास होती है, जिसमें कभी बचपन की यादें भीग जाती हैं,
तो कभी अधूरी मोहब्बत फिर से ताज़ा हो जाती है।
इस मौसम का नाम लेते ही दिल खुद-ब-खुद कुछ पुरानी बातों में भीगने लगता है।
आज की ये Shayari उन्हीं भीगी फिजाओं और उन सूने लम्हों को समर्पित है।


Barish Par Emotional 


भीगती इन गलियों में, तन्हा सा दिल मेरा,
तेरी यादों की बारिश में हर लम्हा भीग रहा।

कभी छतरी के बहाने तुझसे मिलने की ख्वाहिश,
कभी भीगे हाथों से थाम लेना वो नर्म हथेली।

तेरी हँसी में वो भीगती हवा थी,
तेरे जाने के बाद सब सूना, सब ख़ामोश रहा।

आज भी जब बारिश होती है,
तेरी कही हर वो बात कानों में गूंज जाती है।

कागज़ की कश्ती तो अब भी बनती है,
पर कोई साथ बैठकर उसे बहाता नहीं…

दिल में जो ख्वाब थे, सब धुल कर बह गए,
बारिश के बहाने भी अब दिल रो दिया कई बार।


उन गलियों से गुज़रता हूं, जहां पहले तेरा नाम लिया करता था,
अब हर बूंद तुझे भुलाने के लिए मुझसे सवाल करती है।

छत पर भीग कर खड़ा हूं,
शायद इस बारिश में कुछ टूटे रिश्ते फिर से जुड़ जाएं।

तेरे बिना अब बारिश में वो सुकून नहीं,
तेरे बिना अब चाय की हर चुस्की भी अधूरी है।



बारिश बस मौसम नहीं है… ये अधूरी मोहब्बतों का मेला है।
कभी किसी की याद में दिल भीगता है,
तो कभी कोई तन्हा ख्वाब आंखों से बह जाता है।
जिसने कभी सच्चे दिल से किसी को चाहा हो, वो बारिश की इन बूंदों में आज भी उसी चेहरे को ढूंढ लेता है।



अगर आपकी जिंदगी में भी कोई ऐसी यादें हैं,
जो हर बारिश के मौसम में ताज़ा हो जाती हैं…
तो इस पोस्ट को दिल से एक ❤️ जरूर दीजिए।

नीचे कमेंट में लिखिए:
"बारिश में आज भी कोई याद आती है..."

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