बारिश जब भी आती है, साथ में बहुत कुछ भिगो जाती है — बदन से ज़्यादा तो दिल भीग जाता है। हर बूँद में किसी की याद, हर ख़ामोशी में कोई पुरानी मोहब्बत..
Shayari:
“बारिश की बूँदों में भीगता रहा दिल,
हर बूँद में तेरा नाम दिखा,
वो गलियाँ, वो ख़ामोशियाँ,
आज भी तुझसे बातें करती हैं चुपचाप सरीखा।”
मोहब्बत जो भीगी हो, वो जल्दी सूखती नहीं। वो बारिश के मौसम की तरह बार-बार लौट आती है — कभी एक आवाज़ बनकर, कभी सिर्फ़ एहसास बनकर...
क्या आपको भी बारिश में किसी की याद तड़पाती है? कमेंट करें और इस भीगी शायरी में खो जाइए 🌧️💔👇

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