क्यों तुझसे जुड़ के टूटा हूँ मैं?"

जब किसी से बेपनाह मोहब्बत हो जाए,
तो उसका जाना सिर्फ दूर होना नहीं होता…
बल्कि खुद को हर रोज़ तोड़ना पड़ता है।

Shayari:
तेरे ख्वाबों में ही अब जीता हूँ मैं,
तेरी यादों में ही हर रात रोता हूँ मैं।
जिसे चाहा था खुद से भी ज्यादा,
क्यों उसी से जुड़कर टूटा हूँ मैं…


लोग पूछते हैं इतना टूटे कैसे?
कैसे बताऊँ… किसी अपने ने ही बिखेरा है मुझे…


अगर आपके दिल में भी ऐसा ही दर्द है –
बस इस Shayari को शेयर करें, शायद कोई समझ जाए…
#KaushikNiShayri

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