कॉलेज की पहली मोहब्बत – किताबों से ज़्यादा वो चेहरा याद रहा

 

"कॉलेज की पहली मोहब्बत – किताबों से ज़्यादा वो चेहरा याद रहा…"


👋 नमस्कार दोस्तों,

कहते हैं ना —
पहली मोहब्बत कभी नहीं भूलती,
और अगर वो कॉलेज में हुई हो,
तो उसकी यादें आज भी नोट्स से ज्यादा संभाल कर रखी जाती हैं।

Kaushik Ni Shayri में आज एक खास सफ़र शुरू हो रहा है —
कॉलेज की पहली मोहब्बत के नाम…
जहाँ इश्क़ innocent था,
नज़रों में खामोशी थी,
और दिल... पहली बार धड़कना सीखा था।


🖋️ मेरी शायरी:

"किताबें खुलीं, मगर नजरें उसी पर थीं,
नाम याद ना रहा, पर उसकी हँसी याद रही।
पेपर में पास हुए या नहीं,
पर उसकी यादों में आज भी फेल हैं हम…"


💭 Reflection:

वो लम्हा जब प्रेम प्रस्ताव नहीं, सिर्फ मुस्कान काफी होती थी…
वो दौर... जब हर लंच ब्रेक में उसकी एक झलक तलाशते थे।
अगर आपने भी किसी को चुपचाप चाहा है,
तो ये शायरी आपके दिल से सीधी जुड़ेगी।


📣 Call to Action:

अगर आपकी भी पहली मोहब्बत कॉलेज में मिली थी,
तो कमेंट कीजिए —
“हां, मेरी भी वही अधूरी कहानी है…”

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